12 मई 2024, रविवार का दिन समस्त विश्व में 'मदर्स-डे' के रूप में मनाया जायेगा। स्वरूपतः यह दिन माँ को समर्पित है, उनके प्रति आभार प्रकट करने का दिन है और संसार में सामान्यतः शरीर की माँ के प्रति कृतज्ञता अर्पित करते हुये यह दिन मनाया जाता है। आप सभी को मदर्स-डे की हार्दिक शुभकामनायें!
वस्तुतः हमारा वास्तविक स्वरूप शरीर नहीं, आत्मा का है, जीव का है। और जीवात्मा की वास्तविक माता श्रीराधारानी हैं। वही हमारी सनातन और शाश्वत माता हैं। शरीर की माता प्रत्येक जन्म में बदल जाती है, किन्तु श्रीराधारानी सदा से हमारी माँ हैं और सदा ही रहेंगी। और वे प्रतिक्षण अपनी संतानों की देखभाल तथा उन पर अपनी करुणा, दया और कृपा की वर्षा करती रहतीं हैं। फिर जो उनके शरणागत हो जाते हैं, उन जीवों पर तो अति विशेष कृपा करती हैं; उनकी अपनी आँखों की पुतलियों के समान सँभार करती हैं। अतः अपनी वास्तविक माता, रखवार श्रीराधारानी की कृपाओं का स्मरण करते हुये उनके श्रीचरणों के प्रति समर्पण-भाव ही वास्तविक 'मदर्स-डे' है।
विश्व के पंचम मूल जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु जी महाराज ने इसी सिद्धान्त को स्थापित करते हुये 'मदर्स-डे' को श्रीराधारानी के स्मरण तथा उनके गुण-गान व कृपा-याचना से जोड़ा है। वे ऐसे प्रथम जगद्गुरु हुये हैं, जिन्होंने परम मधुर 'श्रीराधा' नाम को विश्वव्यापी बनाया। उन्होंने अपने 'श्यामा श्याम गीत' ग्रन्थ में वर्णन किया है:
आपु को इकलो न मानो कह बामा।
सदा सर्वत्र तेरे साथ रहें श्यामा।। 42।।
प्रति जन्म नयी नयी मातु बनी बामा।
बदली न कभु साँची मातु श्यामा।। 43।।
आइये इस 'मदर्स-डे' को हम श्रीराधारानी के स्मरण में बितावें। साथ मिलकर 'श्रीराधा' नाम गावें, उन्हें पुकारें। करुण-क्रन्दन युक्त पुकार वे तत्काल आकर जीवों को हृदय से लगा लेती हैं। संत-रसिक जनों ने जिस 'श्रीराधा' नाम को अपना जीवन बनाया, आइये उसी 'श्रीराधा' नाम का हम भी गुणगान करें।
संदर्भित पुस्तकें
1. 'श्यामा श्याम गीत https://www.jkpliterature.org.in/en/product/shyama-shyam-geet
संबंधित पुस्तकें
ब्रज रस माधुरी भाग 1,2,3 https://www.jkpliterature.org.in/en/product/braj-ras-madhuri-vol-1-3-
युगल माधुरी https://www.jkpliterature.org.in/en/product/yugal-madhuri
प्रेम रस मदिरा https://www.jkpliterature.org.in/en/product/prem-ras-madira-regular-size
Prem Ras Madira with meaning Hindi: https://www.jkpliterature.org.in/en/product/prem-ras-madira-arth-vol-1-2-
Radha Govind Geet – Radha Naam mahima - Glories of the Holy Name of Shri Radha (English) https://www.jkpliterature.org.in/en/product/radha-govind-geet-shri-radha-naam-mahima
12 मई 2024, रविवार का दिन समस्त विश्व में 'मदर्स-डे' के रूप में मनाया जायेगा। स्वरूपतः यह दिन माँ को समर्पित है, उनके प्रति आभार प्रकट करने का दिन है और संसार में सामान्यतः शरीर की माँ के प्रति कृतज्ञता अर्पित करते हुये यह दिन मनाया जाता है। आप सभी को मदर्स-डे की हार्दिक शुभकामनायें!
वस्तुतः हमारा वास्तविक स्वरूप शरीर नहीं, आत्मा का है, जीव का है। और जीवात्मा की वास्तविक माता श्रीराधारानी हैं। वही हमारी सनातन और शाश्वत माता हैं। शरीर की माता प्रत्येक जन्म में बदल जाती है, किन्तु श्रीराधारानी सदा से हमारी माँ हैं और सदा ही रहेंगी। और वे प्रतिक्षण अपनी संतानों की देखभाल तथा उन पर अपनी करुणा, दया और कृपा की वर्षा करती रहतीं हैं। फिर जो उनके शरणागत हो जाते हैं, उन जीवों पर तो अति विशेष कृपा करती हैं; उनकी अपनी आँखों की पुतलियों के समान सँभार करती हैं। अतः अपनी वास्तविक माता, रखवार श्रीराधारानी की कृपाओं का स्मरण करते हुये उनके श्रीचरणों के प्रति समर्पण-भाव ही वास्तविक 'मदर्स-डे' है।
विश्व के पंचम मूल जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु जी महाराज ने इसी सिद्धान्त को स्थापित करते हुये 'मदर्स-डे' को श्रीराधारानी के स्मरण तथा उनके गुण-गान व कृपा-याचना से जोड़ा है। वे ऐसे प्रथम जगद्गुरु हुये हैं, जिन्होंने परम मधुर 'श्रीराधा' नाम को विश्वव्यापी बनाया। उन्होंने अपने 'श्यामा श्याम गीत' ग्रन्थ में वर्णन किया है:
आपु को इकलो न मानो कह बामा।
सदा सर्वत्र तेरे साथ रहें श्यामा।। 42।।
प्रति जन्म नयी नयी मातु बनी बामा।
बदली न कभु साँची मातु श्यामा।। 43।।
आइये इस 'मदर्स-डे' को हम श्रीराधारानी के स्मरण में बितावें। साथ मिलकर 'श्रीराधा' नाम गावें, उन्हें पुकारें। करुण-क्रन्दन युक्त पुकार वे तत्काल आकर जीवों को हृदय से लगा लेती हैं। संत-रसिक जनों ने जिस 'श्रीराधा' नाम को अपना जीवन बनाया, आइये उसी 'श्रीराधा' नाम का हम भी गुणगान करें।
संदर्भित पुस्तकें
1. 'श्यामा श्याम गीत https://www.jkpliterature.org.in/en/product/shyama-shyam-geet
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